नई दिल्ली। आप लोगों में से जो पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, उन्हें बीआर चोपड़ा का धारावाहिक महाभारत अवश्य याद होगा। साथ ही याद होगी इस धारावाहिक को शुरू करने के लिए शुरुआत में आने वाली वो आवाज जो कहती थी, मैं समय हूं। हर दर्शक का सबसे पहला जुड़ाव इसी आवाज के साथ होता था। ना किसी ने देखा और ना किसी ने जाना, लेकिन महाभारत और दर्शकों के बीच की कड़ी बन चुकी थी ये आवाज। कुछ ऐसा ही जुड़ाव क्रिकेट के मैदान पर भी एक आवाज के साथ दर्शकों का बन चुका है। ये आवाज आती हैं कमेंट्री बॉक्स से और कभी-कभी मैच खत्म होने के बाद समापन समारोह के दौरान। ये आवाज है हर्षा भोगले की।
हर्षा ना तो कोई पुराने क्रिकेटर हैं और ना ही क्रिकेट से उनका अंपायर या किसी अन्य तरीके से कोई नाता है। लेकिन शौकिया क्रिकेट कमेंट्री शुरू करने के बाद उन्होंने खेल से जुड़ी इस विधा को वैसी ही अनोखी ऊंचाइयां दीं, जैसी कभी नरोत्तम पुरी और कई अन्य पुराने कमेंटेटरों ने रेडियो कमेंट्री को दी थी।
बल्लेबाज हो या गेंदबाज या फिर मैदान पर खड़ा कोई फील्डर, जिस अनोखे अंदाज में उसके खेल का विश्लेषण हर्षा कमेंट्री बॉक्स में करते रहे, उससे कई बार उनके साथ कमेंट्री करने वाले विशेषज्ञ क्रिकेटरों को भी हैरानी का सामना करना पड़ा। कई क्रिकेटर अपने करियर में स्वीकार चुके कि उनके खेल में मामूली गलती असफलता का सबब बन रही थी और हर्षा की कमेंट्री में वो कमी सामने आने पर उन्होंने उसे ठीक करते हुए फिर से अपना स्टारडम वापस लौटा लिया।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>It has been 11 years since THAT 434-438. <a href=”https://twitter.com/bhogleharsha”>@bhogleharsha</a> revisits one of the greatest ODIs ever. FULL VIDEO: <a href=”https://t.co/4skzfdFoQy”>https://t.co/4skzfdFoQy</a> <a href=”https://t.co/VynoDFlFkn”>pic.twitter.com/VynoDFlFkn</a></p>— Cricbuzz (@cricbuzz) <a href=”https://twitter.com/cricbuzz/status/840797608641744896″>March 12, 2017</a></blockquote>
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Video Courtsy By CricBuzz
ऐसे करिश्माई कमेंटेटर की कमेंट्री से दर्शकों को पिछले लंबे अरसे से महरूम होना पड़ा और वो भी सिर्फ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अहंकार के कारण। अपनी कमेंट्री में कभी किसी की गलती पर आलोचना करने से नहीं चूके हर्षा ने बीसीसीआई की कमियों पर प्रकाश डाला और नतीजतन उन्हें मैचों के लिए चुने जाने वाले कमेंट्री पैनल से बाहर का रास्ता देखना पड़ा, जिसे बीसीसीआई का अपू्रवल मिलना आवश्यक होता है। हालांकि इस बात को ना तो कभी अधिकारिक रूप से बीसीसीआई अधिकारी स्वीकारेंगे और ना ही विवादों से दूर रहने वाले हर्षा ही नया विवाद शुरू करना चाहेंगे। लेकिन यह सच है कि अपने क्रिकेट ज्ञान से बड़े-बड़े क्रिकेट पंडितों की बोलती बंद करा देने वाले हर्षा भोगले की कमेंट्री सुनने का लुत्फ पिछले लंबे समय से टीवी दर्शक नहीं उठा पाए।
अब क्रिकेट कमेंट्री का यह खालीपन दूर होने वाला है। हर्षा भोगले का वनवास खत्म हो गया है। वो दोबारा स्टेडियम के कमेंट्री बॉक्स में बैठकर कमेंट करते दिखाई देंगे। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, हर्षा भोगले आईपीएल के 10वें संस्करण के साथ एक बार फिर टीवी कमेंट्री की दुनिया में वापसी करेंगे। बता दें कि आईपीएल-9 में ही हर्षा को कमेंट्री टीम से बाहर किया गया था, जबकि कई सर्वे में वह आईपीएल के पहले 8 संस्करण के सबसे मशहूर कमेंटेटर चुने गए थे। इस रिपोर्ट के अनुसार, हर्षा के सामने दो विकल्प मौजूद हैं। पहला वो मैदान पर कमेंटेटर के तौर पर मौजूद रहेंगे और दूसरा, जिसे वह ज्यादा पसंद करते हैं, स्टूडियो में बैठकर मैच का प्री और पोस्ट शो होस्ट करना।
पिछले साल मार्च-अप्रैल में हुए विश्व टी20 टूर्नामेंट के दौरान कमेंट्री बॉक्स में दिखे भोगले के खिलाफ बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के एक ट्वीट से विवाद शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक भारतीय कमेंटेटर विदेशी खिलाडिय़ों की बजाय अपने क्रिकेटरों पर कमेंट करना ज्यादा पसंद करते हैं। अमिताभ के इस ट्वीट को तत्कालीन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने रिट्वीट किया था, जिसे बाद में तत्कालीन उपकप्तान विराट कोहली व मुरली विजय ने भी फॉलो किया था। माना जाता है कि यही विवाद भोगले के कमेंट्री बॉक्स से बाहर जाने का कारण बना था।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>T 2184 – With all due respects, it would be really worthy of an Indian commentator to speak more about our players than others all the time.</p>— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) <a href=”https://twitter.com/SrBachchan/status/712721409420578816″>March 23, 2016</a></blockquote>
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अब उस समय के बीसीसीआई पदाधिकारियों का पॉवरगेम से बाहर होना और आईपीएल के लिए पाकिस्तानी कमेंटेटरों रमीज राजा, शोएब अख्तर, वकार यूनुस आदि के कमेंट्री टीम में शामिल होने के आड़े भारत-पाक संंबंध आने आदि वो कारण हैं, जिसके चलते हर्षा भोगले को वापस लाने के लिए टीवी चैनल को भी मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में दर्शकों को जहां एक बार फिर स्पष्ट और बिना चाटुकारिता वाली कमेंट्री सुनने का मौका मिलने की उम्मीद है, वहीं पुराने क्रिकेटरों के किस्से सुनने तक सीमित रह गई कमेंट्री में नयापन आने की भी आस क्रिकेटप्रेमियों को बंध जाएगी।